Connect with us

Hi, what are you looking for?

ganesh-lakshmi-pooja-vidhi

धर्म

दिवाली गणेश लक्ष्मी पूजा विधि

दिवाली गणेश लक्ष्मी पूजा विधि: पूजन विधि में जरूर ध्यान दें इन खास बातों पर

ganesh-lakshmi-pooja-vidhi

दीपावली एक भव्य त्योहार है जो भारत के विशाल सांस्कृतिक परिवेश का एक अभिन्न अंग है सभी भारतीय त्योहारों की तरह दिवाली का भी आध्यात्मिक महत्व है। यह त्योहार रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में दीपावली मनाने की अलग-अलग मान्यताएं हैं। जैसे उत्तर भारत में इसे भगवान राम के 14 साल बाद अयोध्या लौटने के उत्सव के रूप में देखा जाता है। कहा जाता है कि अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था। दिवाली पर गणेश लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। इस बार दीपावली का यह त्योहार 24 अक्टूबर, दिन सोमवार को पड़ रहा है। आज हम आपको अपनी पोस्ट में गणेश लक्ष्मी पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए गणेश लक्ष्मी की पूजन विधि के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।

दिवाली गणेश लक्ष्मी पूजा विधि

ganesh-lakshmi-pooja-vidhi

दिवाली के दिन विशेष रूप से हम भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन अगर पूरे विधि से पूजा की जाए तो आपको धन की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणेश लक्ष्मी की पूजा कैसे करें आइये जानते हैं।

  • पहले पूजा स्थल को साफ कर ले। और गणेश कथा लक्ष्मी जी के लिए आसन बिछा लें। ध्यान रहे आसन पीले या लाल वस्त्र का होना चाहिए।
  • आसन पर गणेश तथा लक्ष्मी की मिट्टी की मूर्ति को स्थापित करें।
  • साथ साथ कुबेर भगवान और देवी सरस्वती की भी कलश के साथ स्थापना करें। कलश को बीच में रखें। इसमें 75% पानी भरकर एक सुपारी, एक गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डाल दें।
  • कलश में 5 आम के पत्ते डालकर कलश के गले पर गोलाकार आकृति में फूलों की माला व्यवस्थित करें।
  • पूजा स्थल पर गंगाजल का छिड़काव करें।
  • लाल या पीले फूल भगवान को अर्पित करें और गणेश जी का ध्यान करें।
  • पूजा में गणेश जी को सबसे पहले महत्व दिया जाता है। इसलिए कलश की दायीं ओर (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में गणेश जी की मूर्ति रखें। हल्दी और कुमकुम का तिलक लगाएं। मूर्ति पर चावल के कुछ दाने रखें। भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए गणपति पूजा तेल और सफेद मदार बाती के साथ एक दीया जलाएं। बीज मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:का जाप करें।
  • किताबें या अपने व्यापार से संबंधित सामग्री रख दें।
  • कलश पर तिलक लगाकर पूजा प्रारंभ करें। पानी से भरे हुए लोटे पर भी यही तिलक लगाएं।
  • दीपावली पूजा मंत्र का जाप करें। कुछ चावल और फूल लें। दोनों हाथों को आपस में मिला लें और आंखें बंद कर लें। देवी लक्ष्मी के दीवाली पूजा मंत्र का जाप करें या बस उनके नाम का जाप करें और उनका आह्वान करने के लिए कुछ मिनटों का ध्यान करें।
  • पूजा के बाद देवी को पुष्प अर्पित करें और चावल के दाने चढ़ाएं।
  • मिठाई और नारियल चढ़ाएं। सुपारी को सुपारी के पत्ते पर रखें। अब इसके ऊपर थोड़ी हल्दी, कुमकुम और चावल डालें।
  • अब देवी के सामने कुछ मिठाई, फल, पैसे या सोने के आभूषण रखें।
  • अब अंत में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती करें।
माता लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

मां लक्ष्मी मंत्र- ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
श्री गणेश की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।

माथे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।

बांझन को पुत्र देत,निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।

माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

निष्कर्श

दीवावली का पर्व हिंदुओं का खास त्योहार है। यह पर्व पूरे भारत में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। आज की पोस्ट में हमने आपको दिवाली गणेश लक्ष्मी पूजा विधि से जुड़ी विस्तारपूर्वक जानकारी दी है। हमारी यह पोस्ट आपको कैसी लगी हमें नीचे दिये गए कमेंट बॅाक्स में क्लिक करके जरूर बताएं। अन्य किसी भी जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें।

धन्यवाद,

यह भी जानें

 

1 Comment

1 Comment

  1. binance Регистрация

    April 26, 2024 at 4:51 PM

    Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

हेल्थ

महिलाओं की बायीं आँख फड़कना :- हमारे जीवन में आए दिन कोई न कोई घटना घटती रहती है। इन्हीं में से एक है आंख...

ब्लॉग

Youtube shorts video upload करने का सबसे सही समय| Best time to upload you tube shorts अगर आप सोशल मीडिया पर सफल होना चाहते...

ब्लॉग

आस-पास कहाँ-कहाँ रेस्टोरेंट मौजूद हैं- कैसे पता करें   आस-पास कहां-कहां रेस्टोरेंट मौजूद हैं और कैसे आप उन्हें खोज सकते है, इस आर्टिकल को...

धर्म

Ujjain Mahakal Mandir: महाकाल के दर्शन करने जा रहे हैं तो पहले जान लीजिये ये बातें श्री महाकालेश्वर मंदिर मध्य प्रदेश के प्राचीन शहर...