भारतीय रेलवे दुनिया का चैथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह प्रतिदिन लाखों लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाती है। आपने भी कभी न कभी भारतीय रेल में सफर तो किया ही होगा। इतने बड़े रेल नेटवर्क को ऑपरेट करने के लिए एक मजबूत सिस्टम की आवश्यकता होती है। लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें उत्तम व्यवस्था मिलें इसके लिए भारतीय रेलवे सतत प्रयास करता है। इसी तरह लोगों के सफर को आसान एवं सुविधाजनक बनाने के लिए बेहतरीन कोच का निर्माण किया जाता है।
आपने देखा होगा कि हर ट्रेन का स्ट्रक्चर लगभग एक जैसा ही होता है, यानी इंजन के बाद या बिल्कुल अंत में जनरल कोच को लगाया जाता है। कोच के बीच में एसी या स्लीपर कोच होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है जनरल डिब्बों को ट्रेन में हमेशा आखिरी या शुरु में ही क्यों लगाया जाता है? इसके पीछे क्या वजह हो सकती है? अगर आपको नहीं पता तो कोई बात नहीं क्योंकि आज हम अपने लेख में इसी विषय में बात करने जा रहे हैं।
ट्रेन में जनरल कोच हमेशा शुरुआत या अंत में क्यों लगाए जाते हैं?
जैसा कि आप जानते ही होंगे ट्रेन के शुरुआत और अंत में जनरल कोच होते हैं इसके पीछे की वजह भी काफी महत्वपूर्ण है एक बार एक शख्स ने ट्वीट कर पूछा कि 24 कोच वाली ट्रेन में आगे और पीछे दो जनरल कोच ही क्यों लगाए जाते हैं? उसने यह भी बोला कि एक्सीडेंट होने पर सबसे पहले सामान्य वर्ग के गरीब लोगों की ही मौत होती है इस सवाल का जवाब देते हुए रेलवे के एक अधिकारी ने इसके पीछे की वजह बताई हालांकि रेलवे अधिकारी ने हादसे से इनकार किया है
रेलवे अधिकारी ने बताई इसके पीछे की वजह
रेलवे अधिकारी ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए ही कोचों की व्यवस्था की गई है. उनका तर्क था कि जनरल कोच में ज्यादा भीड़ होती है, ऐसे में अगर बीच में जनरल कोच रहेंगे तो पूरी व्यवस्था बिगड़ जाएगी. साथ ही बोर्ड-डेबोर्ड के कार्य भी बाधक बनेंगे। ऐसे में माल या यात्री दोनों दिशाओं में नहीं जा पाएंगे और पूरी व्यवस्था ठप हो जाएगी। इसीलिए यात्रियों की सुविधा के लिए दोनों कोनों पर जनरल कोच लगाए गए हैं।
