ट्रेन से पूरे भारत में यात्रा करने का अपना अलग ही आनंद होता है। जब आप ट्रेन से लंबी यात्रा करते हैं तो आपको अपने मित्रों या परिवार के साथ एक अच्छा समय बिताने को मिलता है। इसके अलावा ट्रेन, यात्रा करने का सबसे अच्छा साधन है। क्योंकि वे सस्ती, आरामदायक हैं और देश भर के अद्भुत परिदृश्यों से गुजरती हैं। आप यात्रा करते हुए भारत के विभिन्न क्षेत्रों को देखते हैं, विभिन्न लोगों से मिलते हैं। और एक सुखद यात्रा का अनुभव करते हैं।
भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया का चैथ सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत के कुछ रेलवे स्टेशन सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन जाने जाते हैं, कुछ अपनी सुंदरता के लिए जाने जाते हैं और अन्य यात्रियों को प्रदान करी जाने वाली उच्च श्रेणी की सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ रेलवे स्टेशनों के नाम में प्रत्यय क्यों जोड़ा जाता है? खैर, स्टेशन के नाम में सेंट्रल, जंक्शन, टर्मिनस आदि जैसे शब्द एक विशेष कारण से लिखे जाते हैं। आइए समझते हैं कि स्टेशनों का नाम एक निश्चित तरीके से क्यों रखा जाता है और वे भारत में विभिन्न प्रकार के स्टेशनों के बीच अंतर करने में कैसे मदद करते हैं ताकि आप उनके महत्व को जान सकें।
टर्मिनस या टर्मिनल
टर्मिनस या टर्मिनल का शाब्दिक अर्थ है अंत। यदि आप भारत में किसी विशेष स्टेशन के नाम पर टर्मिनस पोस्ट देखते हैं, तो इसका मतलब है कि ट्रैक वहीं समाप्त हो जाते हैं। इसलिए, यदि आपकी ट्रेन किसी टर्मिनस में प्रवेश करती है, तो वह उसी दिशा में उस स्टेशन से आगे नहीं जाएगी, केवल वहीं से विपरीत दिशा में वापस आएगी। भारत में देश के सभी दिशाओं में कई प्रसिद्ध टर्मिनल स्टेशन या टर्मिनस हैं। भारत में इस प्रकार के स्टेशन आम तौर पर उस शहर या राज्य के सबसे बड़े स्टेशन होते हैं जहाँ वे स्थित होते हैं।
भारत में प्रसिद्ध टर्मिनल
- छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT), मुंबई, महाराष्ट्र
- आनंद विहार टर्मिनस, नई दिल्ली
- राजेंद्र नगर टर्मिनस, पटना, बिहार
- पुरी रेलवे स्टेशन, पुरी, ओडिशा
- उधगमंडलम रेलवे स्टेशन, ऊटी, तमिलनाडु
जंक्शन
जंक्शन एक ऐसा बिन्दु होता है जहां कोई भी अपनी इच्छा के अनुसार अलग-अलग दिशाओं की ओर जा सकता है। इसी तरह, भारत में किसी भी रेलवे स्टेशन के आगे जंक्शन लगने का अर्थ होता है कि उस रेलवे स्टेशन से कम से कम 3 रेलवे मार्ग आ रहे हैं। आपको याद दिला दें कि इसका सिंगल लाइन या डबल लाइन से कोई लेना-देना नहीं है, जिसकी चर्चा हम आमतौर पर रेलवे ट्रैक के संबंध में करते हैं, लेकिन इसका मतलब है कि अलग-अलग दिशाओं में रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने वाली ट्रेन के लिए कम से कम 2 अलग-अलग रूट होते हैं। भारत में सबसे आम प्रकार के स्टेशनों में से एक, जंक्शन आमतौर पर रेलवे मार्गों पर बड़े स्टेशन होते हैं जिनमें कई प्लेटफॉर्म होते हैं जहां से ट्रेनें अलग-अलग दिशाओं में आगे बढ़ सकती हैं। मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे का सबसे बड़ा जंक्शन है जहां से 7 अलग-अलग रूट निकलते हैं।
भारत में प्रसिद्ध जंक्शन
- कल्याण जंक्शन, महाराष्ट्र
- सलेम जंक्शन, तमिलनाडु
- विजयवाड़ा जंक्शन, आंध्र प्रदेश
- बरेली जंक्शन, उत्तर प्रदेश
- सिकंदराबाद जंक्शन, तेलंगाना
सेंट्रल
हमने कभी न कभी सेंट्रल स्टेशन देखे ही हैं। खासकर भारत के बड़े महानगरों में। भारत के सभी बड़े शहरों कई
रेलवे स्टेशन हैं। सेंट्रल स्टेशन आम तौर पर शहर के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन होते हैं। और शायद सबसे पुराने भी होते हैं। ऐसे स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग आते-जाते हैं। जब भी आप किसी खास शहर के सेंट्रल रेलवे स्टेशन के लिए अपना रेलवे टिकट बुक करें तो जान लें कि यह शहर का सबसे महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। भारत में केवल 5 सेंट्रल रेलवे स्टेशन हैं।
भारत में सेंट्रल रेलवे स्टेशन
- मुंबई सेंट्रल, महाराष्ट्र
- चेन्नई सेंट्रल, तमिलनाडु
- त्रिवेंद्रम सेंट्रल, केरल
- मैंगलोर सेंट्रल, कर्नाटक
- कानपुर सेंट्रल, उत्तर प्रदेश
निष्कर्श
तो यह था भारत में सभी विभिन्न प्रकार के स्टेशनों के बीच का अंतर। हम आशा करते हैं कि अब आपके पास सेंट्रल स्टेशन क्या है?, टर्मिनस या टर्मिनल क्या होता है? जंक्शन क्या है? इस तरह के सवालों का जवाब है। तो, अगली बार जब आप ट्रेन टिकट बुक कर रहे हों या इनमें से किसी रेलवे स्टेशन से गुज़र रहे हों, तो आपको पता होगा कि इस प्रकार के स्टेशनों के नाम का क्या मतलब होता है। आज का हमारा लेख कैसा लगा? हमें कमेंट करके जरूर बताएं और हमारे द्वारा दी गई जानकारी अगर आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने मित्रों के शेयर जरूर करें।
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